Motivational story

Motivational story

Motivational story
Motivational story

ये कहानी है समृद्धि के लिए। अगर आप अपने जीवन में समृद्धि चाहते हैं तो आप बिलकुल सही कहानी पढ़ रहे हैं। क्या आप इस ब्रह्माण्ड के Give and Receive इस नियम के बारे में जानते हैं ? जो आप देते हैं वही आपके जिंदगी में चला आता है। जितना आप देते हैं उससे कई ज्यादा आपके पास लौटके वापस आता है। तो हम क्या दे रहे हैं और कितनी मात्रा में दे रहे हैं इसका हमें विशेष ध्यान रखना होगा। कई बार हम negativity देते हैं तो उसका कई गुना होकर वो negativity हमारे जीवन में चली आती है। तो चलिए पढ़ते हैं इसीसे सम्बंधित एक कहानी –Motivational story !

एक लड़का था २५ – २६ साल का आर्थिक स्थिति बिलकुल कमजोर थी जिसके कारन उसे नौकरी करनी पड़ती थी। वो अपने घर से दूर शहर में एक अमीर आदमी के यहाँ नौकरी करता था। वो वहीं पे काम करता और वहीं रहता था। थोड़ा बहुत पैसा मिलता था उससे वो खुद का और अपने परिवार का गुजारा करता था। हर रोज उसे ४ रोटियाँ खाने में मिलती थी।

एक दिन वो खाना लेकर खाना खाने बैठा और उसे कुछ याद आया इसीलिए वो बाहर चला गया। थोड़ी देर बाद वापस आकर देखता है तो क्या २ ही रोटियाँ बची थी। और आश्चर्य की बात तो ये है की ऐसा हररोज होने लगा। अब उसे समझ आया की उसकी रोटियाँ कौन चुरा रहा है। एक बुजुर्ग आदमी उसकी रोटियाँ चुराता था। उसे इस लड़के ने पकड़ लिया और रोटियाँ चुराने का कारन पूछा। तो उस आदमी ने बताया की उसका कोई सहारा नहीं है और उसे अब कुछ काम नहीं होता था। अब भूक को कौन कैसे रोक सकता है और इसीलिए वो रोटियाँ चुराता था। लड़के को उस आदमी पे तरस आया और वो खुद हररोज उस आदमी को रोटियाँ देने लगा। लेकिन हररोज दोनों भी आधे पेट से उठने लगे। इस लड़के को भूक सहन नहीं हो रही थी और कुछ लाकर खाने के लिए उसके पास पैसे भी नहीं थे।

अपनी परिस्थिति से थककर उस लड़के ने गौतम बुद्धजी के पास जाकर अपनी समस्या का हल पूछने का विचार किया और उनसे मिलने चल पड़ा। चलता चलता वो एक घने जंगल में पहुँचा। आगे जाना उसके लिए जानलेवा साबित हो सकता था क्योंकि जंगल घना था। उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था की क्या करें। इतने में उसे एक महल दिखाई दिया। उसने दरवाजा खटखटाया। उसके माँ की उम्र की एक औरत ने दरवाजा खोला और उसे आसरा दिया। खाने के बाद दोनों बातें कर रहें थे। अपने बेटे समान लड़के को उस औरत ने अपना सारा दुःख बता दिया और कहा की अगर तुम बुद्ध के पास जा ही रहे हो तो मेरे भी दुःख का इलाज पूछ के आना। उस औरत की बेटी सालों से बोल नहीं पा रही थी और इसीलिए वो बहुत दुखी थी। वो औरत उसे अकेला छोड़कर इतनी दूर नहीं जा सकती थी।

सुबह होते ही वो लड़का अपने रास्ते निकल पड़ा। चलते चलते पहाड़ों के पास चला आया और देखा तो एक साधु तपस्या कर रहे थे। उन्हें मोक्ष चाहिए था इसीलिए वो तपस्या कर रहे थे ताकि इस जीवन से उन्हें मुक्ति मिल जाए। बहुत सारे पहाड़ों के बिच उस लड़के को रास्ता दिखाई नहीं दे रहा था तो उसने उस साधुजी से रास्ते के बारे में पूछा। उस साधु ने रास्ता बता दिया और जाने का कारन भी पूछा तो उस लड़के ने अपनी व्यथा उनको बताई। तब साधुजी बोले अब जा ही रहे हो तो मैं तुमको रास्ता  बताता हूँ लेकिन मेरा एक सवाल बुद्ध जी से पूछ लेना की मुझे मुक्ति कब मिलेगी।

अब साधुजी ने बताये हुए रास्ते पे वो लड़का चलने लगा। पहाड़ों को पार किया लेकिन थोड़ी दूर जाने के बाद रास्ते में एक बहुत बड़ी नदी थी जिसे पार करना बहुत ही मुश्किल था। उसके सामने बहुत बड़ी समस्या खड़ी हो गयी। वो सोचते हुए नदी के किनारे बैठा रहा। थोड़ी देर बाद उसके पास एक आदमी आया और उससे पूछने लगा, बेटा यहाँ इस नदी के किनारे क्यों बैठे हो ? क्या समस्या है ? मुझे बताओ। उस लड़के ने अपनी समस्या उसे बताई। और क्या आश्चर्य वो आदमी उस लड़के को नदी पार करने के लिए तैयार हो गया लेकिन उसने भी एक मांग की। उसका भी एक सवाल था जो बुद्ध जी से पूछना था की उसके जीवन में समृद्धि कब आएगी। अब इस लड़के ने उसका भी सवाल बुद्ध जी तक पहुँचाने का वादा किया और वो उनको नदी को पार कराने के लिए धन्यवाद देकर चल पड़ा।

बहुत समस्याओं को पार करके वो जैसा तैसा भगवान् बुद्धजी के पास पहुँच गया। उनको देखकर प्रसन्न हो गया। लड़के ने उनका दर्शन किया और वो क्यों आया है इसका कारन बता दिया। अब भगवान् बुद्ध बोलें, मेरे प्रिय पुत्र तुम मुझे सिर्फ ३ सवाल पूछ सकते हो। सोच समझकर अपने सवाल पूछना। क्योंकि ४ थे सवाल के लिए तुम्हें वापस आना पड़ेगा।

अब इस लड़के के सामने सबसे बड़ी समस्या खड़ी हो गयी। वो इस उलझन में पड गया की खुद का सवाल पूछू या रास्ते में मिले उन तीनों का जिन्होंने उसे यहाँ तक पहुँचने के लिए मदद की। लेकिन उसने विचार किया की अगर वो तीनों उसे मदद नहीं करते तो वो यहाँ तक पहुँच ही नहीं पाता। तो उसका ये कर्तव्य है की पहले उनके सवालों का जवाब ले लिया जाए क्योंकि वो तीनों उससे कई ज्यादा दुखी थे। उसने विचार किया की उनका दुःख मेरे दुःख से बहुत बड़ा है इसीलिए उसने उन तीनों के सवालों का जवाब बुद्ध जी से पूछने का निर्णय लिया।

पहले उसने उस औरत का सवाल पूछा तो बुद्धजी ने कुछ जड़ी बूटियाँ बताई और उस लड़की को देने के लिए कहा उससे वो ठीक हो सकती है। अब उस साधु जी के सवाल की बारी आ गयी। उन्हें तब तक मोक्ष नहीं मिल सकता जब तक वो अपनी सारी विद्या किसी और को नहीं सिखाते।

और अब उस गरीब आदमी का सवाल भी उस लड़के ने पूछ लिया। तो भगवान् बुद्ध जी बोले उसे अपने घर के आसपास ही बहुत बड़ा खजाना मिल जाएगा सिर्फ उसे वो ढूँढना होगा।

अब उन तीनों के सवाल पूछने के बाद उस लड़के ने पूरी शरण भावना से भगवान् बुद्धजी के दर्शन किये और मन ही मन में उनसे प्रार्थना की कि उसके सारे दुखों और गरीबी का अंत हो जाए और वो वापस आने के लिए निकल पड़ा। आते समय वो उस आदमी से मिला जिसने उसे नदी पार करने में मदद की थी। उसने पूछा की क्या भगवान बुद्ध जी के दर्शन हुए और जवाब मिला। उस लड़के ने बताया की उसे अपने घर के आसपास ही धन का खजाना मिलनेवला है। अब ये आदमी उस लड़के से कहता है की अब मैं बूढ़ा हो चूका हूँ क्या तुम मेरी खजाना ढूँढने में मदद करोगे। ये लड़का ना भी नहीं बोल सकता था।

दोनों ने मिलकर खजाना ढूँढ लिया। दोनों भी खुश हो गए। अब इस लड़के ने जाने की अनुमति मांगी तो उस आदमी ने उस लड़के की पीठ थपथपायी और उसे आधा खजाना दे दिया और बोला की मैं अब कितने दिन जीनेवाला हूँ, इतने सारे धन की मुझे क्या जरुरत ? तुम जवान हो। इससे तुम दूसरों की मदद कर सकते हो, इसे ले जाओ।

लड़का बहुत खुश हुआ और आगे चल पड़ा। रास्तें में उसे वह साधु मिला जिसे मोक्ष चाहिए था। लड़के ने उनसे कहा की आपको अपनी विद्या किसीको सीखाना होगा तभी आपको मोक्ष मिलेगा। साधुजी बोले, अगर तुम्हारी अनुमति है तो मैं अपनी सारी विद्या तुम्हें सिखाना चाहता हूँ ताकि मुझे मोक्ष मिल जाए और वो अपनी सारी विद्या उस लड़के को सिखाते हैं जो उसे आनेवाले जीवन में बहुत ही मददगार साबित होती है। उस लड़के ने उस विद्या की मदद से बहुत सारी तरक्की की।

अब आते आते उसे उस औरत के महल जाना था और उन्हें जड़ीबूटियों के बारे में बताना था। वो उनके घर गया और उन्हें बुद्ध जी का सन्देश दिया और अपने घर जाने की तैयारी कर ही रहा था तभी वो औरत उसके पास आयी और उससे बोलने लगी, बेटे बुरा ना मनो तो एक बात कहूँ ? मैं इन जड़ीबूटियों की मदद से मेरी बेटी को ठीक करुँगी लेकिन मैं चाहती हूँ की तुम मेरी बेटी से शादी करो क्योंकि उसके लिए और इस भव्य संपत्ति के लिए तुमसे बेहतर कोई नहीं हो सकता ! क्या तुम मेरी बेटी से शादी करोगे ? ये सुनकर उस लड़के के होश ही उड़ गए।  लेकिन वो ना भी नहीं कर सकता था। उसने बात मान ली और उसका जीवन ही बदल गया। 

Motivational story
Motivational story

यहाँ सोचनेवाली बात ये है की अगर वो दूसरों के अलावा सिर्फ खुद के बारे में सोचता तो उसकी स्थिति वैसी की वैसी रह जाती। लेकिन उसने पहले उन लोगों के बारे में सोचा और उनका दुःख दूर करने का विचार किया और इससे उसका खुद का जीवन पलट गया। तो इस कहानी से हमें ये सिख मिलती है की जब हम खुद से ज्यादा दूसरों के सुख के बारे में सोचते हैं तो हमारा खुद का जीवन खुशियों से भर जाता है।  

Thanks for Reading : Motivational story

Read more and get Life’s messages. 

One thought on “Motivational story

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!