Self discipline – Story

Self discipline – Story

Self discipline - story
Self discipline – story

दोस्तों ये कहानी है अनुशासन की ! अनुशासन के बिना जिंदगी मतलब बिना डोर की पतंग या फिर हम कह सकते हैं की तूफानों में घिरे उस जहाज की तरह जो समुन्दर की बड़ी बड़ी लहरों में खुद का अस्तित्व खो देता है। तो चलिए Self discipline – Story इस कहानी में हम Discipline का महत्व जानेंगे। 

एक किसान था। वो ऐसी जगह रहता था जहाँ बार बार तूफ़ान आते थे। चूँकि बार बार तूफ़ान आते थे तो इस किसान को खेत के कामों में हाथ बटाने के लिए मजदूरों की जरुरत थी। लेकिन एक ऐसी जगह जहाँ बार बार तूफानों का सामना करना पड़ें वहाँ मदद करनेवाले लोगों का मिलना किसान के लिए मुश्किल हो रहा था। वहाँ कोई भी काम करने के लिए तैयार नहीं था। उस किसान ने आसपास के गाँवों में जाकर लोगों से अनुरोध भी किया की वो ज्यादा पैसे देने के लिए तैयार है। लेकिन अपनी जान कौन खतरे में डालना चाहेगा ? कई लोग आये और चले गये क्योंकि वहाँ के तूफानों के बारे में लोगों ने सुना था। और जिन लोगों को तूफानों के बारे में पता नहीं था वो लोग एक ही तूफ़ान के बाद चले जाते।अब ये किसान बिलकुल अकेला पड़ चूका था। 

कई दिनों बाद एक आदमी खुद चलकर उस किसान के पास चला आया और कहने लगा की मैं आपके यहाँ इन परिस्थितियों में भी काम करने के लिए तैयार हूँ लेकिन मेरी एक शर्त है। जब तूफ़ान आएगा तब मैं कोई काम नहीं करूँगा। अब किसान को ये बात थोडीसी अजीब लगी। उसके सामने ये प्रश्न उपस्थित हुआ की इस आदमी को काम पे रखें या ना रखें ! चूँकि दूसरा कोई मार्ग अब किसान को दिख नहीं रहा था तो किसान ने उसे अपने यहाँ काम पे रख लिया क्योंकि Something is better than nothing. उसने सोचा की तूफ़ान आने से पहले ही इस आदमी से सारे काम करवा लूंगा तो तूफ़ान में काम करने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होगा। 

अब वो आदमी काम में व्यस्त रहने लगा। वो बहुत ही लगन से काम करने लगा। ऐसे ही कई दिन आराम से गुजरे। वो सब काम बहुत ही मेहनत से करने लगा। किसान भी अब खुश था क्योंकि खेतीबाड़ी की उसे अब कोई चिंता करने की जरुरत नहीं थी।

एक दिन अचानक से हवा चलने लगी। तूफ़ान की संभावना दिखाई दी। कई सालों के अनुभव से किसान ने ये जान लिया की अब बड़ा तूफ़ान आनेवाला है। अब किसान को घबराहट होने लगी क्योंकि फसल खेत में ही काटकर रखी हुई थी। बाकी भी बहुत सारा काम बाकी था और उससे भी ज्यादा घबराहट उसे तब होने लगी जब उसने देखा की वो आदमी आराम से सो रहा है क्योंकि उसने पहले ही बताया था की जब हवा चलेगी तब मैं कोई काम नहीं करूँगा।

अब ये किसान बहुत ही घबरा गया और उस आदमी के पास जाकर उसे उठाने लगा। उसे कहने लगा की, “उठो बाहर तूफ़ान आनेवाला है और तुम यहाँ सोये हुए हो ! क्या इस तरह से मुझे मुसीबत में डालने के लिए तुम यहाँ आये हो ? तुम ऐसा नहीं कर सकते ! बाहर खेत में फसल वैसी की वैसी पड़ी है जो तूफ़ान के कारन बर्बाद हो सकती है। इससे पहले की तूफ़ान कटी हुई फसलों को तबाह कर दें, जाके उसे इकठ्ठा करो।”

किसान चिल्लाता रहा लेकिन उस मज़दूर पर कोई असर नहीं हुआ। वो बोला की मैंने आपसे पहले ही कहा था की जब तूफ़ान आएगा तो मैं कोई काम नहीं करूँगा तो आप मेरा और अपना दोनों का वक़्त बर्बाद ना करें और मुझे सोने दें। अब इस किसान का गुस्सा बहुत ही बढ़ गया। इस आदमी से बात करने का कोई मतलब नहीं है ये किसान ने जान लिया। 

किसान को कुछ समझ नहीं आ रहा था। वो दौड़ता हुआ खेत की तरफ गया ताकि थोड़ी तो फसल बचा सकें। और उसने जो देखा उससे उसके होश उड़ गए। वो बहुत ही आश्चर्यचकित हुआ क्योंकि मजदुर ने काटी हुई फसलें वहाँ नहीं थी।

वो दौड़ता हुआ फिर से अपने घर की तरफ आया तो उसे सारी फसल अच्छे से रखी हुई दिखाई दी। जो कुछ नुकसान हो सकता था उसके बारे में पहले से ही सोचकर उस मजदुर ने सारा काम निपटा दिया था। सारी चीजें बिलकुल व्यवस्थित की थी। किसी भी नुकसान की कोई सम्भावना नहीं थी।

अब उस किसान को मजदुर की बात समझ आयी। उसने जाकर मजदुर की माफ़ी मांगी और साथ साथ उसके कार्य के लिए धन्यवाद भी दिए।

अब इस कहानी से हमें ये सीखना है की जिंदगी में ऐसे आँधी और तूफ़ान आएंगे लेकिन अगर हम Discipline में रहकर सारी चीजें समय पे करते हैं तो होनेवाले बड़े नुकसान से बच सकते हैं। कभी कभी ये नुकसान इतना बड़ा होता है जिसे भरना हमारे लिए मुश्किल हो जाता है। ये इसीलिए होता है की हम समय पर कुछ चीजें नहीं करते और बाद में पछताने के अलावा हमारे हाथ में कुछ नहीं होता। अब इस मजदुर ने समय पर काम करके फसल को नहीं बचाया होता तो उस किसान की सालभर की मेहनत पानी में चली जाती। 

Excuses make today easy but they make tomorrow hard,

Self discipline makes today hard but it makes tomorrow easy !

Thanks for reading : Self discipline – Story.

Read more and get life’s messages. 

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