The power of words – Story

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the power of words - Story
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क्या आप जानते हैं की शब्दों में ऊर्जा होती है। जिस प्रकार के शब्द आप रोज बोलते हैं उसी प्रकार की जिंदगी का अनुभव आप लेते हैं। कई बार कोई हमें आकर कहता है की आप बहुत अच्छे दिख रहे हो हमें अच्छा feel होता है और अगर कोई कह दें की आज आप कुछ अच्छे नहीं दिख रहें तो हम मायूस हो जाते हैं। शब्दों में ऐसी ताकत होती है जो किसीकी जिंदगी बना भी सकते हैं और बिगाड़ भी सकते हैं। तो इससे सम्बंधित एक कहानी The power of words – Story चलिए पढ़ते हैं।

एक राजा था। वो बहुत ही प्रतापी और कर्तव्यदक्ष था। वो खुद से ज्यादा अपनी प्रजा का ख्याल रखता था। सारी प्रजा उससे खुश थी। सभी लोग उसका आदर और सम्मान करते थे। प्रजा को राजा से बहुत ही प्रेम और लगाव था। आसपास के राज्यों के राजाओं से भी उसके सम्बन्ध मित्रता के थे। उसका कोई शत्रु नहीं था। राज्य में सारी प्रजा ख़ुशी से रह रही थी।

लेकिन एक दिन इस ख़ुशी को किसी की नजर लग गयी। राज्य का राजपुरोहित राजा के पास भागा चला आया और कहने लगा की राजा जी मुझे आपसे बहुत ही महत्वपूर्ण बात करनी है और वो भी अकेले में ! राजा को आश्चर्य हुआ की ऐसी कौनसी बात है जो ये राजपुरोहित मुझसे अकेले में करना चाहता है ?

राजा मान गए और दोनों बात करने के लिए राजा के खास कक्ष में जाकर बैठ गए। बहुत समय बिता लेकिन राजपुरोहित को समझ नहीं आ रहा था की राजा से कैसे बात करें। जब राजा ने उसे बोलने के लिए प्रेरित किया तो वो बोलने लगा, राजा जी पहले मैं आपसे माफ़ी चाहता हूँ और मैं जानता हूँ आप मुझे माफ़ भी करेंगे। ये बात आपको बताना बहुत जरुरी है। राजन मैंने आपकी जन्मकुंडली देखी है उसमें ये साफ साफ नजर आ रहा है की आज से ठीक २१ दिन बाद आप मरनेवाले है।

अब इस बात को सुनते ही राजा जोर जोर से हसने लगा। राजपुरोहित को लगा था की ये बात सुनने के बात राजा उसकी जान ही ले लेगा लेकिन हुआ कुछ उल्टा। राजा बोला, राजपुरोहित जी क्या आप पागल हुए हो। आप कैसी बात कर रहें हो। मरने के लिए ना मेरी उम्र ज्यादा है ना मेरा कोई दुश्मन ना मुझे कोई बीमारी है तो मैं कैसे मर सकता हूँ ? तो राजपुरोहित कहता है, राजन आजतक मेरी कोई भविष्यवाणी झूठी नहीं हुई है तो ये भी भविष्यवाणी कभी झूठी नहीं हो सकती।

राजा को उसकी बातों पर और भी हँसी आती है और इसी हँसी मजाक के साथ उनकी भेंट ख़त्म हो जाती है। लेकिन रात को जब राजा खाना खाने बैठता है तब उसके मन में विचारों का तूफ़ान उठता है। उसे अन्न कड़वा लगने लगता है। वो सोचने लगा की आजतक राजपुरोहित की कोई भी भविष्यवाणी झूठी साबित नहीं हुई तो ये कैसे झूठ हो सकता है ? उसका मन बेचैन हो उठा और शरीर काँपने लगा। इतने में रानी वहाँ आयी और उसने देखा की राजा की तबियत ख़राब हो रही है तो उसने मंत्रीजी को बुलाया और वैद्य को बुलाने के लिए कहा। वैद्य ने आकर थोड़ी बहुत दवाई देकर राजा का इलाज करवाया और चला गया।

दूसरे दिन राजा बहुत देर से उठा। दिनभर खाना नहीं खाया और सिर्फ सोचता रहा की सच में मैं मर गया तो ! थोड़ी देर बाद राजा को और भी ज्यादा थकान सी महसूस होने लगी। राज्य की जनता तक ये खबर पहुँच गयी की राजा की तबियत ख़राब हो रही है और थोड़े दिनों बाद राजा मरनेवाला है। अब सारी जनता में घबराहट सी फ़ैल गयी। राजा को अचानक ऐसी कौनसी बीमारी लग गयी जो राजा को मौत के पास ले जा रही है इस विचार से सारी जनता चिंतित हो गयी।

४ – ५ दिन बाद तो राजा ने बिस्तर से उठना भी बंद किया वो लेटा  ही रहने लगा। उसमें उठने की शक्ति ही नहीं थी क्योंकि उसने कुछ भी खाया नहीं था और इसके कारण दवाइयाँ भी असर नहीं कर रही थी।

ये सारी बात राज्य के एक होशियार मंत्री के ध्यान में आयी की क्या हो रहा है। उसने राजपुरोहित से मिलने की इच्छा राजा पे पास व्यक्त की और उसे राजमहल में बुलाया गया। मंत्री ने राजपुरोहित को फिर से एक बार अच्छी तरह से राजा की कुंडली देखने की बिनती की। लेकिन कुंडली में भी वही दिखाई दिया जो राजपुरोहित ने बोला था।

अब मंत्री भी बैचेन हुआ। क्या करें उसे समझ नहीं आ रहा था। इधर राजा की तबियत दिन प्रति दिन ख़राब हो रही थी। राजा की तकलीफ उससे देखि नहीं जा रही थी।

२१ वा दिन आ गया। राज्य की सारी जनता राजमहल के बाहर आ बैठी। अब राजा भी अपने राज्य की जनता को आखरी बार मिलना चाहता था और अपना आखरी दर्शन अपनी जनता को देना चाहता था। राजा को राजमहल से बाहर लाया गया। हर एक व्यक्ति आकर राजा के दर्शन करने लगा। पूरा राज्य रो रहा था। पुरे राज्य में उदासी छाई हुई थी। तभी मंत्री ने कुछ विचार किया और उसने आदेश दिया की राजपुरोहित को भी राजा के अंतिम दर्शन के लिए बुलाया जाए। मंत्री के आदेश अनुसार सेवक जाकर राजपुरोहित को लेकर आये।

मंत्री ने सारी प्रजा को सम्बोधित किया और राजपुरोहित से बोला की आखरी बार देखिये आपके ज्ञान को तराशिये और देखिये की कुछ बदल सकता है क्या। आप इतने विद्वान है, आपके पास बहुत ही आध्यात्मिक ज्ञान है तो कृपा करके बताइये की क्या राजा जी सकते हैं। उसके लिए जो करना पड़ें हम सब मिलकर करेंगे लेकिन राजपुरोहित बोलें की अब कुछ नहीं हो सकता। तब मंत्री बोला की एक काम कीजिये की आप कब तक जियेंगे ये देखकर बताइये। राजपुरोहित बोला, ये कैसा सवाल है ? उसने थोड़ा विचार किया और बोला की अगले ३० साल मुझे कुछ नहीं हो सकता, मुझे मेरे ज्ञान पर पूरा विश्वास है।

तो मंत्री बोला की गौर से फिर एक बार देखिये की सच में आप और ३० साल जियेंगे। तो पुरोहित बोला की जब राजा के लिए की गयी भविष्यवाणी सच हुई है तो मेरे लिए की गयी भविष्यवाणी कैसे झूट हो सकती है। मैं पुरे ३० साल जीऊँगा।

ऐसा कहते ही मंत्री की तलवार से राजपुरोहित का धड़ शरीर से अलग हो जाता है और वो मर जाता है। अब ये घटना राज्य प्रजा के लिए अप्रत्याशित थी। सारी जनता भयभीत हो गई की मंत्री ने ये क्या किया और क्यों ! सारी प्रजा में सन्नाटा छा गया। क्या हो रहा है किसी को समझ नहीं आ रहा था। राजा की आँखे भी खुली की खुली ही रह गयी।

अब मंत्री बोलने लगा, देखिये लोगों ये है राजपुरोहित की भविष्यवाणी ! ये तो ३० साल जीनेवाला था लेकिन १ मिनिट के अंदर इसकी मृत्यु हो गयी। तो इसकी बात पर हम क्यों विश्वास करें की आज राजा जी मरनेवाले हैं। अगर ३० साल तक जीनेवाला आदमी अभी इसी क्षण मर सकता है तो अभी इसी क्षण मरनेवाला आदमी ३० साल तक क्यों नहीं जी सकता ? और मंत्री के इस एक वाक्य से ललकार गूँजने लगी, राजा जी जियेंगे, राजा जी जियेंगे ! अब राजा को भी ये विश्वास हुआ की वो जी सकता है। किसी की गलत भविष्यवाणी उसे नहीं मार सकती। और उसी क्षण सारे राज्य में ढोल नगारे बजने लगे, एक ही क्षण में मायूसी उत्सव में बदल गयी। ये सारी गूँज राजा के कानों पर पड़ी और उसके चेहरे पर भी मुस्कुराहट आ गयी। पूरा राज्य खुशियाँ मनाने लगा है ये देखकर राजा भी खुश हो गया और उसने इस खुशी में पेटभऱ खाना खाया। अब राजा को भी अपनी सेहत में सुधार दिखने लगा और धीरे धीरे राजा बिलकुल ठीक हो गया। 

दोस्तों फर्क देखिये ! जब कोई आकर राजा से कहता है की आप मरनेवाले है तो ठीक उसी तरह परिस्थिती हो गयी और जब राजा के कानों में राजा जी जियेंगे, राजा जी जियेंगे ऐसी गूँज सुनाई दी तो उसे लगने लगा की सच में मैं जी सकता हूँ और उसकी तबियत ठीक होने लगी। ये सब मंत्री ने दिखाई चालाकी की वजह से हुआ क्योंकि वो शब्दों की ताकत जानता था इसीलिए वो राजा की जान बचा सका। ये होती है शब्दों की ताकत। जो विचार एक बार मन में बस जाता है उसी विचार पर प्रक्रिया होकर हमारा जीवन बनता है। जो शब्द हमारे जीवन में हम रोज use करते हैं वही हमारी जिंदगी बन जाती है। 

The power of words - Story
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तो इस कहानी से हम क्या सीखेंगे दोस्तों ? शब्दों में बहुत शक्ति होती है इसीलिए शब्दों का इस्तेमाल सोच समझकर करना जरुरी है चाहे वो शब्द खुद के लिए हो या औरों के लिए ! और अगर आप अपनी जिंदगी को बदलना चाहते है तो सबसे पहले जो शब्द आप इस्तेमाल करते हैं क्या वो पॉजिटिव हैं ये देखना जरुरी है। जब आप अपने daily conversations में सकारात्मक शब्दों का उपयोग करेंगे तो ये शब्द आपके लिए पॉजिटिव outcome देंगे ये निश्चित है। 

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